कोरोना वायरस की चुपचाप वापसी – क्या फिर डर का दौर लौटेगा?
क्या आपने भी सोचा था कि Covid-19 अब बीते कल की बात हो गई है? अगर हां, तो संभल जाइए। क्योंकि कोरोना वायरस फिर से लौट आया है, वो भी इस बार और भी ज़्यादा खामोशी और खतरनाक अंदाज़ में। एशिया के कई देशों से आ रहे आंकड़े एक नई लहर की आहट दे रहे हैं।
कहां-कहां फिर से बढ़ने लगे हैं कोरोना केस?
सिंगापुर: नए वेरिएंट्स का हॉटस्पॉट बनता जा रहा
सिंगापुर में 5 मई से 11 मई के बीच 25,900 नए कोविड-19 केस दर्ज किए गए। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 181 से बढ़कर 250 पहुंच चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कहा है कि अब लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर पड़ने लगी है, और बूस्टर डोज़ एक बार फिर से ज़रूरी हो चुका है। सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
हांगकांग में पॉजिटिविटी रेट 1.7% से बढ़कर 11.4% पहुंचा
मार्च में जहां हांगकांग में संक्रमण दर केवल 1.7% थी, अब वह बढ़कर 11.4% हो गई है। 81 नए केस, जिनमें से 30 मौतें, और ज़्यादातर मृतक बुज़ुर्ग – ये सब मिलकर खतरे की घंटी बजा रहे हैं।

डॉक्टर मानते हैं कि यह सब हर्ड इम्यूनिटी के घटने और पुरानी बीमारियों की वजह से हो रहा है।
थाईलैंड: एक हफ्ते में 33,000 से ज़्यादा नए केस
थाईलैंड में तो हालात और भी चिंताजनक हैं। पिछले हफ्ते 33,000 से ज़्यादा कोविड केस, और सिर्फ बैंकॉक में 6,000+ केस दर्ज किए गए। इसमें से करीब 2,000 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ये सब एक नए वेरिएंट XEC की वजह से हुआ है – जो कि ओमिक्रोन का नया सबवेरिएंट है। सोंगक्रान फेस्टिवल के दौरान अधिक यात्रा और मेलजोल ने आग में घी डालने जैसा काम किया।
क्या भारत में भी खतरा फिर से मंडरा रहा है?
अभी तो केस कम हैं… लेकिन क्या यह सन्नाटा किसी तूफान से पहले का है?
भारत में फिलहाल मामले कम हैं लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है। लोगों में बूस्टर डोज़ को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है।
क्या भारत में टेस्टिंग कम हो रही है?
संभावना जताई जा रही है कि भारत में केस कम दिखने का कारण हो सकता है –
- टेस्टिंग में कमी,
- लक्षणों का हल्का होना,
- या डेटा रिपोर्टिंग में देरी।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि खतरा टल गया है। वायरस धीरे-धीरे पैर पसार रहा है, और हम लापरवाही में जी रहे हैं।
इस बार के वायरस में क्या नया है?
सिंगापुर के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि इस बार उछाल की वजह दो नए वेरिएंट्स – LF.7 और NB.1.8 हैं। ये दोनों ही JN.1 के वंशज हैं, जो 2024 की शुरुआत में फैला था।
👉 इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये
- तेज़ी से फैलते हैं,
- और पहले से बनी इम्यूनिटी को चकमा भी दे सकते हैं।
क्या फिर से लॉकडाउन लग सकता है?
अब तक भारत में कोई आधिकारिक लॉकडाउन की बात नहीं हुई है, लेकिन अगर लहर तेज़ होती है, तो राज्यों में स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लग सकती हैं।
- स्कूल-कॉलेज फिर से बंद हो सकते हैं।
- मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य की जा सकती है।
- बूस्टर डोज़ को अनिवार्य किया जा सकता है।
अब क्या करें? यही है बचाव का सबसे बड़ा तरीका
कोरोना वायरस भले ही बार-बार लौटे, लेकिन इस बार हमारे पास है:
- अनुभव,
- टीकाकरण,
- और विज्ञान का साथ।
👉 अब ज़रूरत है सिर्फ तीन चीजों की:
- सतर्कता,
- ज़िम्मेदारी,
- और भरोसे की।
वायरस आया है, चेतावनी नहीं देगा!
अब वक्त आ गया है कि हम फिर से सतर्क हो जाएं:
- मास्क पहनें,
- भीड़ से बचें,
- और बूस्टर डोज़ ज़रूर लगवाएं।
क्योंकि वायरस बिना बताये लौट आया है… और इस बार और भी खतरनाक रूप में!