पटना से चौंकाने वाली खबर: भाजपा के यूबर नेता Manish Kashyap को पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में बुरी तरह पीटा गया। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
मनीष कश्यप को पटना में दौड़ा-दौड़ा कर क्यों पीटा गया?
बिहार की राजधानी पटना से जो खबर सामने आ रही है, वह न केवल चौंकाने वाली है बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या अब भाजपा नेताओं की भी इज्जत महफूज़ नहीं रही? मशहूर (या बदनाम) YouTuber और भाजपा नेता मनीष कश्यप को पटना के PMCH में डॉक्टरों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। वीडियो वायरल हो गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है।
कौन हैं मनीष कश्यप?
मनीष कश्यप का नाम आज बिहार के हर गली में लिया जा रहा है — कभी उनके वीडियो वायरल होते हैं, कभी जेल जाते हैं, तो कभी राजनीति में कूदते हैं। याद कीजिए, तमिलनाडु वाला मामला, जिसमें फेक वीडियो बनाकर उन्होंने बिहारी मजदूरों पर हमले का नाटक रचा था। जेल गए, लंबा वक्त बाहर रहे और जब निकले तो भाजपा की गोदी में जा बैठे।
क्या हुआ PMCH में?
मनीष कश्यप को पीटा गया – यह वाक्य पूरे सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। मनीष कश्यप अपने किसी परिचित के इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) पहुंचे थे। वहां उनकी एक महिला डॉक्टर से बहस हो गई। बताया जा रहा है कि उन्होंने डॉक्टर से बदतमीजी की, जिसके बाद वहां तैनात जूनियर डॉक्टरों ने उन्हें जमकर कूटा।
डॉक्टरों का आरोप: मनीष ने की बदतमीजी
क्या वाकई मनीष ने डॉक्टर से बदतमीजी की?
PMCH के जूनियर डॉक्टरों के अनुसार, मनीष कश्यप ने महिला डॉक्टर से न सिर्फ ऊंची आवाज़ में बात की, बल्कि अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की कोशिश भी की। जब डॉक्टरों ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, तो मामला बिगड़ गया। बात इतनी बढ़ गई कि डॉक्टरों ने मिलकर मनीष कश्यप की कुटाई कर दी।
मनीष कश्यप बोले: “हमें कमरे में बंद करके मारा गया”
मनीष कश्यप के समर्थकों का दावा है कि उन्हें अस्पताल के एक कमरे में बंद करके भी पीटा गया। कमरे के अंदर से “बाप रे बाप” की आवाज़ें आती रहीं। उन्होंने यह भी बताया कि मनीष को इतनी चोटें आईं कि उन्हें तुरंत इलाज की ज़रूरत पड़ गई।

FIR दर्ज क्यों नहीं हुई?
मनीष कश्यप खुद मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहते
हालांकि पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से बात की, लेकिन न डॉक्टरों ने FIR दर्ज कराई और न ही मनीष कश्यप ने। मनीष बोले, “इतना मारा ऊपर से मुकदमा भी लिखवा दोगे? शर्म के मारे कैसे जिएंगे?” इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामला कितनी तेजी से रफा-दफा किया गया।
BJP की चुप्पी भी सवालों में
इतना बड़ा कांड और भाजपा का कोई बड़ा नेता न तो मीडिया के सामने आया और न ही मनीष कश्यप के समर्थन में कुछ बोला। क्या भाजपा खुद मनीष कश्यप से किनारा कर रही है? यह भी चर्चा का विषय है।
पहले भी मार खा चुके हैं मनीष
मास्टरों से लेकर तमिलनाडु तक, मनीष कश्यप का मार खाने का इतिहास
यह पहला मौका नहीं है जब मनीष कश्यप को पब्लिक में पीटा गया हो। कुछ महीनों पहले वे शिक्षक संघ के प्रदर्शन के दौरान भी बुरी तरह पिट चुके हैं। इसके अलावा तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें फर्जी वीडियो के आरोप में गिरफ्तार कर कई महीनों तक जेल में रखा था।
सोशल मीडिया पर मज़ाक का पात्र बने मनीष कश्यप
मनीष कश्यप को पीटा गया – सोशल मीडिया पर #ManishKashyapTrending टॉप पर है। मीम्स की बाढ़ आ गई है और लोग कह रहे हैं – “जो दूसरों को दिखाता था, आज खुद कैमरे में कैद हो गया।” लोगों का कहना है कि ये वही मनीष हैं जो कानून, नैतिकता और तमीज़ से ऊपर समझते थे खुद को।
क्या मनीष का राजनीतिक करियर खत्म?
जनता का भरोसा टूटता दिख रहा है
जब एक भाजपा नेता, जिसे पार्टी ने खुलेआम स्वीकार किया हो, यूं पब्लिक प्लेस में पिट जाए और कोई FIR तक न कराए, तो यह सीधा संदेश है कि शायद पार्टी भी उन्हें बोझ समझने लगी है। इससे उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
मनीष कश्यप को पीटा गया – यह खबर जितनी सनसनीखेज है, उतनी ही दर्दनाक भी। यह बताता है कि जब पब्लिक फिगर अपनी सीमाएं लांघते हैं, तो जनता या संस्थान उन्हें सबक सिखा सकते हैं। हालांकि कानून अपने हाथ में लेना सही नहीं है, लेकिन मनीष की हरकतें कहीं न कहीं इसी अंजाम की तरफ इशारा करती थीं।
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